Editor : Dr. Rahul Ranjan (+91-6263403320)
भोपाल। ‘कोस कोस पर बदले पानी, चार कोस पर वाणी’, अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर राजधानी भोपाल में अलग- अलग समाज के प्रबुद्धजनों और नागरिकों ने अपनी मातृभाषा के प्रचार-प्रसार का संकल्प लिया। साथ ही सम्पूर्ण निष्ठा व कर्तव्यपरायणता से मातृभाषा व संस्कृति के सर्वांगीण विकास व संरक्षण हेतु सदैव तत्पर रहने का संकल्प लिया।
विभिन्न भाषाओं के माध्यम से प्रेम और संस्कृतियों का आदान-प्रदान बढ़े, सौहार्द और भाईचारे के नव पुष्प पल्लवित हों इस उद्देश्य से भोपाल सांसद माननीय साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के निर्देश पर राजधानी में मातृभाषा दिवस पर अपनी भाषा को सम्मान और पहचान दिलाने के लिए भोजपुरी, तमिल, तेलुगु, मलयालम, बुंदेली और सिंधी समाज ने परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित किये। महात्मा गांधी चौराहे के पास बरखेड़ा छठ घाट पर भोजपुरी समाज का भोजपुरी भाषा की दैनिक जीवन में उपयोगिता बताने के उद्देश्य से श्री पंकज कुमार और साथियों ने परिचर्चा का आयोजन किया। कार्यक्रम में समाज के कई नागरिकों ने सहभागिता की।
बरखेड़ा पठानी स्थित कॉफी शॉप में एडवोकेट एम रवि ने तमिल भाषा में कार्यक्रम का आयोजन किया। इस मौके पर श्री रवि ने कहा कि मातृभाषा सीखने और सिखाने की आवश्यकता नहीं होती है, उन्होंने बताया कि समाज को आपस में जोडऩे के साथ उसकी पहचान मातृभाषा से ही होती है। कार्यक्रम में पी नागराज और सतीश ने अपना वक्तव्य दिया।
भोपाल संसदीय क्षेत्र में कोलार स्थित मंदाकनी कॉलोनी में मलयाली समाज के नागरिकों ने मातृभाषा दिवस चर्चा की। यहां कार्यक्रम समन्वयक की भूमिका में श्री प्रेम गुरु मौजूद रहे। कोलार के मंदाकिनी परिसर में ही तेलुगु समाज की महिलाओं और बच्चों ने मातृभाषा में संवाद करते हुए अपनी पुरानी यादों को ताजा किया। इस कार्यक्रम का समन्वय सांसद प्रतिनिधि श्री प्रेम गुरु ने किया। इसके अलावा बुंदेली भाषा पर सौरभ खरे और सिंधी भाषा पर माही गिडवानी ने कार्यक्रम किया।